परिचय

“पुष्कल” – शिव जी का पर्याय है इसका शाब्दिक अर्थ है – पूर्ण, भव्य और उत्कृष्ट। संगठन इसी ध्येय और विषय को सार्थक बनाने में प्रयास और योगदान करेगी।अपने समाज को उत्कृष्ट बनाने में, जो लोग वंचित हैं उन्हें पूर्ण करने में और अपनी संस्कृति और परम्परा की गहरायी को समझ और पहचान कर आप-हम सब के योगदान से इसे और भव्य रूप प्रदान कर खुद भी उस भव्यता का हिस्सा बनेंगे। संगठन में शक्ति है इस ध्येय से संगठित होकर समाज के उत्थान और प्रगति के लिए हम सभी प्रयास रत रहेंगे।

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स्वच्छता एवं पर्यावरण संरक्षण

हम सब संकल्प लें की भावी पीढ़ी को धन ही नहीं स्वच्छ धरती भी देंगे।आइये हम सब मिल कर निश्चय करते हैं की अपने नगर और आस पास के जगहों को साफ़ रखने में सहयोग करेंगे, पौधे रोपण से हवा को स्वच्छ रखने में योगदान देंगे, पानी के दुरूपयोग से बचेंगे, दुसरो को भी गन्दगी फ़ैलाने से रोकेंगे और अपने घर के साथ अपने पड़ोस, मोहल्ले और नगर को साफ़ रखेंगे|

पुष्कल विद्यास्थली

हमारे समुदाय और स्थानीय सभी लोगों को सशक्त बनाने का संकल्प महिला, बड़े, बूढ़े और बच्चे सबको मौलिक व बुनियादी शिक्षा प्रदान करेंगे जिसमें ज्ञान वर्णमाला, शब्द ज्ञान, जोड़, घटाव और साक्षरता भी है, जो उन लोगो के निहित होगा और “चलो जलाये दीप वहाँ जहाँ अभी भी अंधेरा है” के संकल्प के साथ आगे बढ़ेंगे।

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पुस्तकालय

किसी भी विद्यालय या स्थान के पुस्तकालय जिसमें रख रखाओ की आवश्यकता है उनको संसाधन और पुस्तकों से युक्त करना तथा उनके संचालन में सहयोग जिससे ज्यादा से ज्यादा लोगों का उसको लाभ मिल सके। छात्रवृति – वंचित क्षेत्र के मेधावी छात्रों को शिक्षा और उपयुक्त संसाधन के लिए सहयोग दिया जायेगा ।

पुष्कल दीक्षा प्रोग्राम

हमारी भारतीय संस्कृति, शिक्षा की प्रणाली और प्राचीन परंपरा सभी अतुलनीय रही है। पर इसकी महत्ता आज की पीढ़ी और परिवेश में खोती जा रही है। जिसे पूरी दुनिया अपनाती रही है और यह प्रमाणित भी है की उन बनाये हुए व्यवस्था के अनुसरण मात्र से ही अपने जीवन में कई उपलब्धियों को पाया जा सकता है।इन मानकों को हम सब अपने जीवन में अपना कर इसे साकार करेंगे।

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